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आधुनिक हिंदी साहित्य विविध परिप्रेक्ष्य

Authors: 

ISBN:

SKU: 9789382414551
Marathi Title: Adhunik Hindi Sahitya Vividha Pariprekshya
Book Language: Hindi
Published Years: 2012
Edition: First
Category:

175.00

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  • INDEX

भारतीय एवं वैश्विक साहित्यमें हिन्दीने अपनी विशेष पहचान बनायी है। हिन्दी विश्व भाषा बनी है। आधुनिक हिन्दी साहित्य विविध परिप्रेक्षय में हिन्दी साहित्य की विविध विधाओंपर सृजन किया है। सौभाग्यसे आंतर्राष्ट्रीय, राष्ट्रीय, प्रान्तीय स्तरपर संगोष्ठियों के हेतु संशोधनात्मक आलेख नये संदर्भोमें प्रस्तुत करने का अवसर मिला जिसमें भूमंडलिकरण तथा प्रादेशिक भाषा संघर्ष, इंटरनेट और हिन्दी, अनुवादके क्षेत्रमें अनुसंधान, विश्व भाषाओसे हिन्दी मे अनूदित काव्य साहित्य, हिन्दी भाषा का आंतर्राष्ट्रीय स्वरुप, हिन्दी में अनूदित मराठी दलित साहित्य, साठोत्तरी हिन्दी नाटक, नयी कहानी का अनुनातन रुप, भक्त कवियों के काव्य की प्रासंगिकता आदि विषयोंपर गहन, अध्ययन संशोधन किया है। ये आधुनिक हिन्दी साहित्य अध्ययन-अध्यापन के लिये नई दिशा दे सकता है।

Adhunik Hindi Sahitya Vividha Pariprekshya

  1. कुबेरनाथ रय के निबंधो का वैशिष्ट्य
  2. भक्ति साहित्य की प्रासंगिकता (कबीर और तुलसी के सन्दर्भमें)
  3. समन्वयवादी कवि : संत रोहिदास
  4. अनुवाद के क्षेत्र में अनुसंधान
  5. विश्वभाषाओं से अनूदित हिंदी काव्य साहित्य
  6. भूमंडलीकरण तथा प्रादेशिक भाषा अस्मिता संघर्ष
  7. हिंदी भाषा और इंटरनेट : दशा और दिशा
  8. हिंदी भाषा का अर्न्तराष्ट्रीय स्वरुप
  9. नयी कहानी : अधुनातन रुप
  10. राष्ट्रीय काव्यधारा और सुभद्राकुमारी चौहान
  11. यशपाल की आत्मकथामें प्रांजलता
  12. हिंदी साहित्य में दलित विमर्श
  13. प्रिया निलकण्ठी भारतीय संस्कृति का प्रतिबिम्ब
  14. साठोत्तरी हिंदी नाटक : पारिवारिक विघटन (विशेष संदर्भ – आधे अधूरे नाटक)
  15. हिन्दी में अनुदित मराठी दलित आत्मकथा
  16. हिन्दी और मराठी के उपन्यास साहित्यमें दलित विमर्श
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