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यशपाल : यात्रा साहित्य विचार बोध की प्रासंगिकता

Authors: 

ISBN:

SKU: 9789382414568
Marathi Title: Yashpal : Yatra Sahitya Vichar Bodh Ki Prasangikta
Book Language: Hindi
Published Years: 2012
Edition: First
Category:

140.00

  • DESCRIPTION
  • INDEX

यशपाल बहुमुखी प्रतिभाके धनी है। उन्होंने उपन्यास कहानियाँ, नाटक, संस्मरण, आत्मकशा, यात्रा वर्णन आदि का लेखन किया है। उनकी विदेश यात्राओंका हिन्दी साहित्य में विशेष स्थान है। उन्होंने मॉरिशस, जर्मनी, रुस, चेकोस्लेवाकीया, इटली, इंग्लैंड, अफगणिस्थान आदि देशो का भ्रमण किया है। यशपाल की यात्राएँ सोद्देश्य थी। उन्होंने विभिन्न देशोंकी सामाजिक, साहित्यिक, आर्थिक, सांस्कृतिक परिस्थितीयोंका चित्रण किया है। अपने अनुभूति की अभिव्यक्तिसे पाठको अवगत कराना उन्हे प्रेरणाएँ, नयी दिशा देना उद्देश रहा है।

सोवियत देशकी साहित्यिक सांस्कृतिक, सामाजिक उपलब्ध्यिाँ पाठक को नये विचार बोध से अवगत कराती है। यशपालने लेखन में भारतीय संस्कृति और पाश्चात संस्कृति का साम्य और भेद प्रस्तुत किया है। शैक्षिक पद्धतियाँ, परिवर्तन, आधुनिक प्रणालीयाँ, आधुनिक विकास का वह बिंदू है जिसे पढकर पाठक में नई सोच का विचार-बोध जागृत होता है। आशा है पाठक तथा यात्रीयोंको ये यशपाल की यात्राएँ दिशा पथप्रदर्शक का काम करेगी।

Yashpal : Yatra Sahitya Vichar Bodh Ki Prasangikta

  1. यशपाल : जीवनरेखा आरंभिक जीवन, शिक्षा, सशस्त्र क्रांतिकारी कार्य, सैण्डर्स वध, असेंम्ब्लीकाण्ड, जेलमें विवाह, वेशभूषा आचार-विचार, चित्रकारी का शौक.
  2. यशपालका साहित्य विषयक दृष्टिकोन : साहित्य-प्रगतिवादी, यथार्थवादी विचारधारा, कलासंबंधी विचार, सामाजिक क्रांति का समर्थन, पुराणी मान्यताओंका विरोध
  3. यशपाल : मार्क्सवाद और गांधीवाद : मार्क्सवादी जीवनदर्शन में विश्वास, मार्क्सके आर्थिक पक्ष समर्थन, सामाजिक तथा राजनैतिक दृष्टिकोन, मार्क्सके सिद्धांत, गांधीवाद की अलोचना
  4. यशपाल और विदेशी साहित्यकार : विदेश यात्राएँ, विदेशी लेखकोंका प्रभाव, यशपाल और विदेशी साहित्यकार, मान्यताओ और विचारधारा
  5. यशपालका यात्रा वर्णन : 1) लोहे के दिवारके दोनों ओर, 2) स्वर्गोद्यान बिना साँप, 3) राहबिती, यशपाल की विदेश यात्राएँ : विदेश यात्राएँ – व्हिएन्ना, रुस, ऑस्ट्रेलिया, मॉरिशस, फ्रान्स, जर्मनी, चेकोस्नेवाकिया, सोवीयत, इंग्लंड, स्विर्त्झलंड, इटली, मास्को, तखख, अफगणिस्तान, राष्ट्रनिर्माण में लेखकोंका सहयोग, लेखकोंकी काँग्रेस, चेकोस्लेवाकीयामें, अनुवाद की भूमिका, स्त्रीसंबंधी पुरोगामी विचार, विचारस्वतंत्रताकी, अभिव्यक्ती, मानवमुक्ति और विकास का समर्थन, जिप्सी भारतीय मूल के वंशज, आधुनिक जीवनशैली और गोथवाल्डो पूर्वी जर्मनीके अनुभव.
  6. यशपाल की आत्मकथामें प्राजलता
  7. यशपाल साहित्य की उपलब्धि
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