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खान्देश का लोकसाहित्य

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SKU: 9789390483099
Marathi Title: Khandesh Ka Loksahitya
Book Language: Hindi
Published Years: 2021
Pages: 136
Edition: First
Ebook Link: https://www.kopykitab.com/Khandesh-Ka-Loksahitya-by-Prof-Dr-Sunil-Kulkarni
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125.00

  • DESCRIPTION
  • INDEX

भाषा और साहित्य यह एकमात्र ऐसा साधन होता है जिसके माध्यम से हम किसी भी प्रांत अथवा भूप्रदेश की लोक-भाषा, लोक-साहित्य, लोक-संस्कृति तथा लोक-परंपराओं का अध्ययन अध्यापन कर सकते है । वैश्वीकरण या भूमंडलीकरण के इस युग में जब एक विश्वग्राम, एक विश्वबाजाऱ की तरह एक विश्वभाषा की कल्पना संजोयी जा रही है तब उसके परिणामस्वरूप हम देख रहे है कि आए दिन किसी न किसी लोक-भाषा और लोक-संस्कृति का कैसे लोप होता जा रहा है । सुप्रसिध्द भाषाविद् डॉ. गणेश देवी द्वारा किए गए ‘भाषा सर्वेक्षण’ से प्राप्त निष्कर्ष इस बात के प्रत्यक्ष प्रमाण है । इसलिए ऐसी विपरित परिस्थितियों में अपने-अपने भूप्रदेश और प्रांत की लोक-भाषा और लोक-संस्कृति का संरक्षण और संवर्धन करना तथा आने वाली नई पीढ़ी को इससे अवगत कराना यह हर एक का कर्तव्य बन गया है। इसी उद्देश्य को केंद्र में रखकर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, नई दिल्ली ने तथा भारत सरकार द्वारा प्रस्तावित नई शिक्षा नीति ने लोक-भाषा और लोक-संस्कृति का संरक्षण और संवर्धन करने हेतु उसे पाठ्यक्रम में समाविष्ट करने के निर्देश भारत में स्थित सभी विश्वविद्यालयों को दिए हैं । उन्हीं निर्देशों का अनुपालन करते हुए कवियत्री बहिणाबाई चौधरी उत्तर महाराष्ट्र विश्वविद्यालय, जलगांव के हिन्दी अध्ययन मंडल ने स्नातक स्तर (बी.ए.) तृतीय वर्ष के षष्ट सत्र के अंतर्गत हिंदी विषय का चयन करने वाले छात्रों के लिए खान्देश का लोक साहित्य यह प्रश्नपत्र रखने का क्रांतिकारी निर्णय लिया । यह निर्णय आगत भविष्य काल में ग्लोबल के साथ-साथ लोकल का नारा बूलंद करेगा यह हमें पूर्णरूपेण विश्वास है ।

Khandesh Ka Loksahitya

  1. लोकसाहित्य : सैद्धांतिक विवेचन : 1.1 लोकसाहित्य का सैद्धांतिक पक्ष –
    अर्थ, परिभाषा, स्वरूप और विशेषताएँ, 1.2 खान्देश का लोकसाहित्य और लोकसंस्कृति : सामान्य परिचय, 1.3 लोकसाहित्य के प्रमुख प्रकार –
    लोकगीत, लोककथा, लोकनाट्य और लोकोत्सव, 1.4 खान्देश की प्रमुख बोलियों का सामान्य परिचय
  2. खान्देश की प्रमुख बोलियों का प्रातिनिधिक साहित्य : लोकगीत और लोककथा : 2.1 अहिरानी बोली के लोकगीत, अहिरानी बोली की लोककथा, 2.2 लेवा बोली के लोकगीत, लेवाबोली की लोककथा, 2.3 आदिवासी बोली के लोकगीत, आदिवासी बोली की लोककथा
  3. खान्देश की बोलियों का प्रातिनिधिक साहित्य : लोकनाट्य एवं लोकोत्सव : 3.1 अहिरानी बोली के लोकनाट्य एवं लोकोत्सव, 3.2 लेवा बोली के लोकनाट्य एवं लोकोत्सव, 3.3 आदिवासी बोली के लोकनाट्य एवं लोकोत्सव
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