कथेतर गद्य विधाएँ : विविध विमर्श
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₹95.00
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गद्य साहित्य और पद्य साहित्य यह साहित्य की दो शैलियाँ हैं। गद्य साहित्य के दो रूप है- कथात्मक गद्य और कथेतर गद्य। साहित्य की सार्थकता में निबंध, संस्मरण, रेखाचित्र, जीवनी, आत्मकथा, रिपोर्ताज, यात्रा वर्णन, व्यंग्य, डायरी, सम्बोधन आदि कथेतर गद्य विधाओं का योगदान भी महत्त्वपूर्ण हैं। चरित्रगत अध्ययन एवं वैचारिक लेखन की दृष्टि से निबंध, आत्मकथा, यात्रा-वर्णन, जीवनी आदि विधाएँ काफी महत्त्वपूर्ण है।
‘कथेतर गद्य विधाएँ : विविध विमर्श’ इस पुस्तक में वासुदेवशरण अग्रवाल- ‘राष्ट्र का सेवक’ (निबंध), अमृतलाल नागर- ‘तीस बरस का साथी : रामविलास शर्मा’ (संस्मरण), रामवृक्ष बेनीपुरी- ‘रजिया’ (रेखाचित्र), पाण्डेय बेचन शर्मा ‘उग्र’- ‘धरती और धान’ (जीवनी अंश), महात्मा गांधी- ‘चोरी और प्रायश्चित’ (आत्मकथा अंश), रांगेय राघव- ‘अदम्य जीवन’ (रिपोर्ताज), सचिदानन्द हीरानन्द वात्सायन ‘अज्ञेय’- ‘पतझर एक पात’ (यात्रा वर्णन), शंकर पुणतांबेकर- ‘एक गोप कक्ष’ (व्यंग्य), हरिवंशराय बच्चन- ‘प्रवास की डायरी’ (डायरी) तथा स्वामी विवेकानन्द- ‘सम्बोधन: युवाओं से’ (सम्बोधन) आदि कथेतर गद्य विधाओं की रचनाओं की समीक्षा की हैं। इन रचनाओं की समीक्षा से पूर्व मैंने रचनाकारों का जीवन परिचय एवं कृतियों का परिचय दिया हैं।