प्रयोजनमूलक हिंदी : विविध आयाम
Authors:
Tag:
Dr Popat Birari
ISBN:
SKU:
9789393727053
Marathi Title: Prayojanmulak Hindi Vividh Aayam
Book Language: Hindi
Published Years: 2022
Edition: First
Category:
हिंदी
₹295.00
- DESCRIPTION
- INDEX
Prayojanmulak Hindi Vividh Aayam
- प्रयोजनमूलक हिंदी : अवधारणा और महत्त्व – डॉ. पोपट भावराव बिरारी
- प्रयोजनमूलक हिंदी : स्वरुप एवं विशेषताएँ – डॉ. महावीर रामजी हाके
- प्रयोजनमूलक हिंदी की आवश्यकता – बसोरी लाल इनवाती
- प्रयोजनमूलक हिंदी का संवैधानिक उपबंध – डॉ सुरेश कुमार
- प्रयोजनमूलक हिंदी की व्यावहारिक उपादेयता – डॉ. लक्ष्मण तु. काळे
- प्रयोजनमूलक हिंदी के विविध क्षेत्र – डॉ. वि. सरोजिनी
- प्रयोजनमूलक हिंदी में रोजगार की संभावनाएँ – प्रा. नटवर संपत तडवी
- राजभाषा हिंदी का प्रयोजनपरक अध्ययन – डॉ. लवलीन कौर
- वैज्ञानिक-तकनीकी क्षेत्र में हिंदी – श्रीमती मंगला जटगोंडा
- बैंकिंग क्षेत्र में हिंदी का प्रयोग और समस्याएँ – मधु मेहता साथी
- पारिभाषिक शब्दावली : स्वरुप तथा निर्माण प्रक्रिया – श्रीमती श्रुती मण्किकर
- कार्यालयीन हिंदी के प्रमुख कार्य – रोहिणी रामचंद्र सालवे
- संक्षेपण लेखन – लूनेश कुमार वर्मा
- जनसंचार माध्यम : स्वरूप एवं वर्गीकरण – डॉ श्रीकला. यू
- सिनेमा की पटकथा का स्वरूप और लेखन प्रक्रिया – डॉ. रघुनाथ नामदेव वाकळे
- डाक्यूमेंट्री लेखन – डॉ. उज्वला अशोक राणे
- रिपोर्ताज लेखन – डॉ. ललित चंद्र जोशी
- पत्रकारिता का स्वरुप एवं महत्त्व – डॉ. रेवा प्रसाद
- कार्यालयीन हिंदी और अनुवाद – डॉ. सरलता राम प्रकाश वर्मा
- हिंदी भाषा : विभिन्न रोजगारों की उपलब्धि – डॉ. शिंदे मालती धोंडोपन्त
- अनुवाद : स्वरुप और क्षेत्र – डॉ. यशवन्ती देवी
- अनुवाद के प्रकार – रजनीश कुमार
- अनुवाद : प्रक्रिया और महत्त्व – डॉ. झुनुबाला खुण्टिआ
- अनुवाद पुनरीक्षण और मूल्यांकन – डॉ. डॉली सिंह नागर
- सृजन का सृजन है साहित्यानुवाद – डॉ. अंगदकुमार सिंह
- विश्व भाषाओं से अनूदित हिंदी साहित्य : दशा एवं दिशा – प्रा. डॉ. वीरश्री वशिष्ठजी आर्य
- हिंदी अनुवाद और रोजगार की संभावनाएँ – डॉ. आलोक कुमार सिंह
- हिंदी कंप्यूटिंग : विविध आयाम – किरण अय्यर वी.
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