संपादन, लेखन और साहित्य
(मुद्रित माध्यम)
Authors:
Tag:
Dr Deepak Patil
ISBN:
SKU:
9789390483228
Marathi Title: Sampadan Lekhan Aur Sahitya - Mudrit Madhyam
Book Language: Hindi
Published Years: 2020
Pages: 80
Edition: First
Ebook Link: https://www.kopykitab.com/Sampadan-Lekhan-Aur-Sahtya-by-Dr-Deepak-Patil
₹110.00
- DESCRIPTION
- INDEX
संचार व्यवस्था समाज की प्रगति, सभ्यता और संस्कृति के विकास, संरक्षण और संवर्धन का माध्यम है। समाज तभी विकासशील, परिवर्तनशील रहेगा जब उसे सही ढंग से स्थानिय, राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय, सामाजिक, राजनीतिक आदि घटनाओं की सही और स्पष्ट जानकारी होगी। इलेक्ट्रॉनिक माध्यम और नव इलेक्ट्रॉनिक माध्यम का आज सर्वत्र वर्चस्व स्थापित हो रहा है, लेकीन इस बीच भी प्रिंट माध्यम अपनी साख बनाए हुए है। क्योंकि समाचार लेखन एक विशिष्ट कला है। समाचार दुनिया की खबरें घरों मे पहुँचाता है। लेख के माध्यम से किसी एक विषय पर विचारप्रधान बातें पाठकों तक पहुँचाई जाती है। इसलिए आधुनिकता के इस दौर में मुद्रण माध्यम (प्रिंट मीडिया) का प्रभाव बरकरार है।
Sampadan Lekhan Aur Sahitya – Mudrit Madhyam
- संपादन : 1.1 संपादन : अर्थ एवं अवधारणा, परिभाषा, उद्देश्य, तत्त्व, 1.1.1 संपादन का अर्थ एवं अवधारणा, 1.1.2 संपादन की परिभाषा, 1.1.3 संपादन का उद्देश्य, 1.1.4 संपादन के आधारभूत तत्त्व, 1.2 संपादन के महत्त्वपूर्ण चरण, 1.3 समाचार संपादन में समाचारों की बातों का विशेष ध्यान, 1.4 संपादन : निष्पक्षता और सामाजिक सदर्भ, 1.5 संपादन कला के सामान्य सिद्धांत
- संपादक : 2.1 संपादक : परिभाषाएँ, योग्यता, दायित्व और महत्त्व, 2.1.1 संपादक : परिभाषाएँ, 2.1.2 संपादक की योग्यता, 2.1.3 संपादक का दायित्व, 2.1.4 संपादक का महत्त्व, 2.2 संपादकीय लेखन के प्रमुख तत्त्व, 2.3 संपादकीय लेखन की प्रविधी, 2.3.1 संपादकीय के गुण, 2.3.2 संपादकीय की विशेषताएँ
- उल्लेखनीय संपादकीय : 3.1 प्रमुख हिंदी समाचार-पत्रों के उल्लेखनीय संपादकीय, 3.1.1 विश्व में हिन्दी का निरंतर विस्तार, 3.1.2 वातावरण और विकास, 3.1.3 हम होंगे कामयाब, 3.1.4 दूरसंचार क्षेत्र में हलचल, 3.1.5 उम्मीदवारी का फार्मूला, 3.1.6 जीवट का सफर, 3.2 प्रमुख हिंदी पत्र-पत्रिकाओं के उल्लेखनीय संपादकीय, 3.2.1 रचने की न्यूनतम अर्हता, 3.2.2 दस्तख़त, 3.2.3 दूसरे समय में कहानी, 3.2.4 जारी है अस्तित्व की लड़ाई, 3.2.5 कुछ और सामान की तलाश, 3.2.6 सिर्फ शोकगीत नहीं
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