हिंदी व्याकरण एवं अभिव्यक्ति कौशल
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मनुष्य जीवन में स्थित विचार, अनुभव, भावना, कल्पना आदि को व्यक्त करने के लिए भाषा आवश्यक होती है। व्याकरण को भाषा की आधारशिला माना जाता है। शुद्ध लिखना, बोलना, पढना और व्यवहार करना भाषा के व्याकरण से ही सीखा जा सकता है। मनुष्य का भावनिक विकास, चिंतनशीलता और कलात्मकता में भाषा की शिक्षा समन्वय की भूमिका निभाती है। शिक्षा और ज्ञान-विज्ञान के प्रसार के साथ उसमें अनेक परिवर्तन होने लगे। इंटरनेट ने तो मानो जैसे सारी दुनिया ही घर में लाकर बसा दी हो। साक्षात्कार लेखन, वक्तृत्व, वाद-विवाद, संक्षेपण, पल्लवन, जनसंपर्क, सूत्र संचालन, अनुवाद, प्रामाणिक आलेखन, टिप्पन लेखन आदि ऐसे अनेकानेक क्षेत्रों में हिंदी भाषा को अच्छी तरह से जानने-समझने वाले मानव संसाधन की बडी आवश्यकता है। इस क्षेत्र में प्राप्त की निपुणता रोजगार का साधन उपलब्ध कराने में बहुत सक्षम है। व्यावहारिक हिंदी भाषा आज अत्यंत आवश्यक है। आधुनिक काल में विभिन्न प्रयोजनों के लिए, नये-विकसित होते अनेकानेक क्षेत्रों में हिंदी भाषा का यथायोग्य उपयोग एक चुनौती है। और भाषा उपयोग के कौशल को आत्मसात किए बिना इस चुनौती से पार पाना संभव नहीं है।
Hindi Vyakaran Evam Abhivyakti Kaushal
- हिंदी भाषा का मानकीकरण : मानक भाषा – अर्थ एवं स्वरूप, हिंदी वर्णमाला, परिवर्धित देवनागरी वर्णमाला, वर्तनी के मानकीकरण की नियमावली, विराम-चिह्नो का परिचय, संख्यावाचक शब्द-लेखन
- शब्द-भेद : प्रयोग के आधार पर : (अ) विकारी शब्द – संज्ञा : सर्वनाम, विशेषण, क्रिया (आ) अविकारी शब्द : क्रिया-विशेषण अव्यय, संबंधसूचक अव्यय, समुच्चय बोधक अव्यय, विस्मयादिबोधक अव्यय
- शब्द-रुपांतरण : लिंग, वचन, कारक, काल
- शब्द-संसाधन : पर्यायवाची शब्द, विलोेमार्थक शब्द, अनेक शब्द के लिए एक शब्द, अनेकार्थक शब्द, समोच्चरित भिन्नार्थक शब्द, एकार्थी प्रतीत होने वाले भिन्नार्थक शब्द
- शब्द-निर्माण : उपसर्ग, प्रत्यय
- शुद्ध-वर्तनी : हिंदी शुद्ध – वर्तनी के नियम
- अभिव्यक्ति कौशल : मौखिक अभिव्यक्ति कौशल के प्रकार, वक्तृत्व, ‘वक्तृत्व‘ शब्द का अर्थ, ‘वक्तृत्व‘ कला एवं शास्त्र, ‘वक्तृत्व‘ का महत्व, ‘वक्तृत्व‘ प्रतियोगिता के नियम, उत्तम वक्ता की विशेषताएँ, ‘वक्तृत्व‘ का नमुना स्वरुप उदाहरण
- वाद-विवाद : वाद-विवाद का तात्पर्य, वाद-विवाद का महत्व, वाद-विवाद के रुप, वाद-विवाद विषय का उद्देश्य, वाद-विवाद के विषय, वाद-विवाद के नियम, वाद-विवाद नमुना स्वरुप उदाहरण
- सूत्र संचलन : सूत्र संचलन का स्वरुप, सूत्र संचलन की विशेषताएँ, उत्तम सूत्र संचालक के गुण, सूत्र संचलन की प्रक्रिया
- साक्षात्कार : साक्षात्कार शब्द का अर्थ, साक्षात्कार की परिभाषा, साक्षात्कार का महत्व, साक्षात्कार की सीमाएँ, साक्षात्कार की विशेषताएँ, साक्षात्कार के प्रकार, साक्षात्कार कर्ता के गुण, साक्षात्कार के नमुना स्वरुप उदाहरण
- पल्लवन : पल्लवन का महत्व, पल्लवन की विशेषताएँ, पल्लवन लेखन की प्रक्रिया, पल्लवन लेखन के उदाहरण
- संक्षेपण : संक्षेपण की परिभाषा, संक्षेपण का महत्व, संक्षेपण की विषेषताएँ, संक्षेपण की प्रविधि, संक्षेपण के लिए विशेष निर्देश, संक्षेपण लेखन