• अभिव्यक्ति कौशल के विविध आयाम

    साहित्य को समाज का दर्पण कहा जाता है, जो मानव जीवन की अथरयात्रा को दर्शाता है| यह अनेक अक्षरों के सौंदर्य से सजता है और मनुष्य के भाव और चिंतन को विकसित करता है| हिंदी भाषा केवल एक माध्यम नहीं, बल्कि यह पूरे राष्ट्र को एकसूत्र में पिरोने वाला महत्वपूर्ण तत्व है|
    हिंदी ने ज्ञानार्जन के साथ-साथ मानवीय संवेदनाओं और सामाजिक संप्रेषण का कार्य किया है| यह मनुष्य को अपने अतीत को समझने और भविष्य की दिशा तय करने में मदद करती है| शिक्षा प्रणाली में हिंदी का समन्वय मानवीय जीवन मूल्यों को बढ़ावा देता है|
    भूमंडलीकरण और तकनीकी प्रगति ने हिंदी भाषा के उपयोग को बढ़ाया है| सोशल मीडिया की क्रांति ने संवाद के नए आयाम खोले हैं, जिससे रोजगार के नए अवसर भी पैदा हुए हैं| लेखन कौशल, जैसे ई-मेल, ब्लॉग, और तकनीकी लेखन, अब आवश्यक हो गए हैं|
    लघुकथा, जो कि आज के साहित्य में अपना एक विशेष स्थान रखती है, मनुष्य की भावनाओं का प्रतिनिधित्व करती है| लेखक द्वय ने लघुकथाओं का विवेचन सरल भाषा में किया है, जिससे पाठक गहराई से समझ सकें|
    यह पुस्तक छात्रों को अभिव्यक्ति कौशल और लेखन की विभिन्न विधाओं में निपुण बनाने में मदद करेगी| यह न केवल उनकी भाषा कौशल को विकसित करेगी, बल्कि उन्हें जीवन की मूल्यात्मकता का भी बोध कराएगी| लेखक द्वय का यह प्रयास सराहनीय है, जो विद्यार्थियों के लिए एक अनमोल संसाधन साबित होगा|

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  • हिंदी व्याकरण एवं अभिव्यक्ति कौशल

    मनुष्य जीवन में स्थित विचार, अनुभव, भावना, कल्पना आदि को व्यक्त करने के लिए भाषा आवश्यक होती है। व्याकरण को भाषा की आधारशिला माना जाता है। शुद्ध लिखना, बोलना, पढना और व्यवहार करना भाषा के व्याकरण से ही सीखा जा सकता है। मनुष्य का भावनिक विकास, चिंतनशीलता और कलात्मकता में भाषा की शिक्षा समन्वय की भूमिका निभाती है। शिक्षा और ज्ञान-विज्ञान के प्रसार के साथ उसमें अनेक परिवर्तन होने लगे। इंटरनेट ने तो मानो जैसे सारी दुनिया ही घर में लाकर बसा दी हो। साक्षात्कार लेखन, वक्तृत्व, वाद-विवाद, संक्षेपण, पल्लवन, जनसंपर्क, सूत्र संचालन, अनुवाद, प्रामाणिक आलेखन, टिप्पन लेखन आदि ऐसे अनेकानेक क्षेत्रों में हिंदी भाषा को अच्छी तरह से जानने-समझने वाले मानव संसाधन की बडी आवश्यकता है। इस क्षेत्र में प्राप्त की निपुणता रोजगार का साधन उपलब्ध कराने में बहुत सक्षम है। व्यावहारिक हिंदी भाषा आज अत्यंत आवश्यक है। आधुनिक काल में विभिन्न प्रयोजनों के लिए, नये-विकसित होते अनेकानेक क्षेत्रों में हिंदी भाषा का यथायोग्य उपयोग एक चुनौती है। और भाषा उपयोग के कौशल को आत्मसात किए बिना इस चुनौती से पार पाना संभव नहीं है।

    Hindi Vyakaran Evam Abhivyakti Kaushal

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