आधुनिक हिंदी काव्य की धारा निरंतर प्रवहमान रही है। नव-नवीन विषयों की अभिव्यक्ति इसमें दृष्टिगोचर होती है। संवेदना के विविध आयामों के दर्शन हमें आधुनिक हिंदी काव्य में परिलक्षित होते हैं। इस काव्यधारा को विकसित करने में अनेक कवियों ने अपना मौलिक योगदान दिया है। जिनमें मैथिलीशरण गुप्त, निराला, पंत, दिनकर, बच्चन, नागार्जुन, अज्ञेय, भवानी प्रसाद मिश्रा, दुष्यंतकुमार, धूमिल, उदय प्रकाश, कात्यायनी, अनामिका, सुशीला टाकभौरे एवं निर्मला पुतुल विशेष उल्लेखनीय हैं। इस ग्रंथ के अंतर्गत इन कवियों की कविताओं में निहित भाव एवं विचार सौंदर्य पर विस्तार से प्रकाश डाला गया है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि यह ग्रंथ आधुनिक हिंदी काव्य की विशेषताओं जानने-समझने में उपादेय सिद्ध होगा।
Aadhunik Hindi Kavya : Bhav and Vichar Saundrya