आधुनिक काल में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में हमने बहुत प्रगति की है। आज विज्ञान ने हमें नित नवीन, सुविकसित संचार माध्यम प्रदान किए हैं। वर्तमान युग में पत्र-पत्रिकाएँ, आकाशवाणी, दूरदर्शन, कम्प्यूटर, व्हॉस्अप, फेसबुक, ट्वीटर, इंस्ट्राग्राम आदि जैसे जनसंचार के माध्यम अत्यंत प्रभावी रूप से सूचना के प्रसारण का काम कर रहे हैं। हमारी आवश्यकता के अनुसार हम इन संचार माध्यमों का उपयोग करते हैं। लाखों किलोमीटर दूर रहनेवाले विभिन्न जाति, वर्ग, संप्रदाय और भाषाओं के लोग अब एक साथ आसानी से एक दूसरे के साथ इन माध्यमों के माध्यम से संपर्क कर सकते हैं। आधुनिक युग में मीडिया का सामान्य अर्थ समाचार पत्र-पत्रिकाओं, टेलीविजऩ, रेडियो, इंटरनेट आदि से लिया जाता है। मीडिया के लिए लेखन, साहित्यिक लेखन से अलग है। पत्रकारिता के पाठक या दर्शक वर्ग की समझ साहित्यिक पाठक वर्ग की तुलना में कहीं ज्यादा सामान्य होती है।
‘मीडिया लेखन’ पुस्तक अध्ययन की सुविधा के दृष्टि से पाच अध्यायों में विभाजित किया हैं। प्रथम अध्याय में पत्रकारिता के स्वरूप, महत्त्व, आवश्यकता एवं उसके प्रकारों का विवेचन किया गया है। द्वितीय अध्याय विज्ञापन के लेकर है जिसमें विज्ञापन को स्वरूप, महत्त्व, आवश्यकता एवं विज्ञापन के प्रकारों को स्पष्ट किया गया है। तृतीय अध्याय प्रिंट मीडिया पर केन्द्रित है। इस अध्याय में फीचर लेखन, यात्रा वृत्तांत, साक्षात्कार एवं पुस्तक समीक्षा का विवेचन किया गया है। चतुर्थ अध्याय इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को लेकर है। इस अध्याय में रेडियो, दूरदर्शन, फिल्म एवं पटकथा लेखन की जानकारी दी गयी है। अंतिम अध्याय अर्थात पंचम अध्याय में सोशल मीडिया का विवेचन व्हाट्सप, फेसबुक, ट्वीटर, इंस्टाग्राम आदि उसके माध्यमों द्वारा किया गया हैं। प्रस्तुत पुस्तक विद्याथियों के साथ-साथ हिन्दी प्रेमी तथा अध्ययन कर्ताओं को भी निश्चित रूप से उपयुक्त साबित होगी।
Mediya Lekhan