मनुष्य जीवन में स्थित विचार, अनुभव, भावना, कल्पना आदि को व्यक्त करने के लिए भाषा आवश्यक होती है। व्याकरण को भाषा की आधारशिला माना जाता है। शुद्ध लिखना, बोलना, पढना और व्यवहार करना भाषा के व्याकरण से ही सीखा जा सकता है। मनुष्य का भावनिक विकास, चिंतनशीलता और कलात्मकता में भाषा की शिक्षा समन्वय की भूमिका निभाती है। शिक्षा और ज्ञान-विज्ञान के प्रसार के साथ उसमें अनेक परिवर्तन होने लगे। इंटरनेट ने तो मानो जैसे सारी दुनिया ही घर में लाकर बसा दी हो। साक्षात्कार लेखन, वक्तृत्व, वाद-विवाद, संक्षेपण, पल्लवन, जनसंपर्क, सूत्र संचालन, अनुवाद, प्रामाणिक आलेखन, टिप्पन लेखन आदि ऐसे अनेकानेक क्षेत्रों में हिंदी भाषा को अच्छी तरह से जानने-समझने वाले मानव संसाधन की बडी आवश्यकता है। इस क्षेत्र में प्राप्त की निपुणता रोजगार का साधन उपलब्ध कराने में बहुत सक्षम है। व्यावहारिक हिंदी भाषा आज अत्यंत आवश्यक है। आधुनिक काल में विभिन्न प्रयोजनों के लिए, नये-विकसित होते अनेकानेक क्षेत्रों में हिंदी भाषा का यथायोग्य उपयोग एक चुनौती है। और भाषा उपयोग के कौशल को आत्मसात किए बिना इस चुनौती से पार पाना संभव नहीं है।
Hindi Vyakaran Evam Abhivyakti Kaushal