महिला अधिकार का तात्पर्य है कि महिलाओं को कानून के समक्ष समानता के साथ ही सामाजिक, आर्थिक तथा राजनीतिक न्याय की प्राप्ति हो ताकि वे अपनी क्षमताओं का पूर्ण रूप से विकास कर सकें। भारतीय संविधान द्वारा समानता का अधिकार प्रदान किए जाने के बावजूद भी आज महिलाएँ अनेक प्रकार से उत्पीङन की शिकार हैं। महिलाओं के प्रति अत्याचार एक सार्वभौमिक प्रवृत्ति है जो लगभग समस्त संस्कृतियों, जातियों तथा वर्गों में विद्यमान सही है। यह हिंसा, व्यक्ति, समुदाय, समाज आदि द्वारा की जाती है जिससे निश्चित रूप से महिला अधिकारों का हनन होता है। महिलाओं के अधिकारों का हनन अनेक क्षेत्रों में होता है।
महिलाओं को सशक्त बनाने, महिलाओं के हितों की देखभाल व उनका संरक्षण करने, महिलाओं भेदभाव मूलक व्यवस्था, स्थित और प्रावधानों को समाप्त करने हेतु पहल कर उनकी गरिमा व सम्मान सुनिश्चित करने, हर क्षेत्र में उन्हें विकास के समान अवसर दिलाने, महिलाओं पर होने वाले अत्याचारों एवं अपराधों पर त्वरित कार्यवाही करने के लिए ‘महिला आयोग’ का गठन किया गया है।
Bharat Men Mahila Manav Adhikar Sanrkshan
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