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कवितासंग्रह

सोनं-साकयं (अहिरानी कविता संगर)

Rs.195.00

आमयनेर ना कवी कुरुसना पाटील, आख्खा महाराष्ट्रमां नवाजेल, नी नावटायेल अहिरानीना पुरखा किडा, चंदन न जुनं खोड, जेठा कविता लिखनार, यासना हौ आस्सी नी च्यार वरीसना हयातीमां पयला-वयला कविता संग्रो. घट्यावरना गाना ज्या सऊ हजार वरीस पासीन मांघनी पिढीतून पुढनी पिढीलोंग तोंडे तोंडे यी ऱ्हायना व्हतात. त्या गडप व्हवानी भ्या व्हती. त्यासनी रातदिन खटाटोपरा खाईसन गायेगाव फिरीसन गोया करीसन, 1958 साल पासीन त्या मराठी भाषा बोलनारसले समजोत. गावरानी तूपनी गोडी त्यासले कवो, नी सोना नी रुढी, रीवाज, प्रथा स्नी चव लागो या ईचार मनमा ठिसनी हौ सोनाना संकर कया. अहिरानी लोकसाहित्य दर्शन खंड 1 ते 3 पुस्तके लिखात. सरकारनी त्या साहित्य संस्कृती मंडळ बंबई-32 ना वतीतून दुनियामां आनात. अहिरानी ना परचार नी परसार न काम त्यासनी कये. खेता खेता त्यासलै उपरती झायी नी शंभर कविता कयात. तिसले अखिल भारतीय मराठी साहित्य संमेलन, ग्रामीन साहित्य संमेलन, लोकसाहित्य परिषद, अहिरानी साहित्य परिषद, जठे जठे मानपान थीन गयात तठे तठे अहिरानी कविता ऐकाड्यात. लोकेस्मा अहिरानी नी गोडी वाढाई. त्यास्ना सेवाना उपकारनी फेड म्हनीसन त्यासले दिल्लीना 2000 सालना ‌‘साहित्य अकादमी’ पुरस्कार ना मोठ्ठ्ा मानमरातब भेटना. अहिरानी नी गीतगंगा त्यासनी खान्देशथीन महाराष्ट्रना कानाकोपऱ्यामां वाव्हाडी. अहिरानी भूषान, खान्देश भूषान न्या सोन्यान्या मुंद्या, नी अहिरानी रत्न ना खडा मचाडेल मुंदी त्यासले सोभा देस. माय, गोधडी, पोरगं कस झाय?, खान्देस, पिकेल आंबा, मी येस हायद लाई, ‌‘हॅू’ नी किम्मत, कुवारा हात, आऱ्हाडानी मौत, यानसारख्या अफलातून कविता स्ना एक एक बारीक सोन-कन लिसन साकय घडाई-मढायी तुम्हना गया मा घालासाठे तयार कयी. पीरीम थीन तुम्हना गयामा टाकस ती जतन करा.

– डॉ. फुला बागूल, शिरपुर

Son-Sakay (Ahirani Kavita sangar)

1. सोनं-साकयं, 2. दुर्वा, 3. माय, 4. मोठ नातं, 5. पिकेल आंबा, 6. दसरा-हासरा, 7. दिवाई, 8. कांस, 9. कदी ऊनं मन मां, 10. गोधडी, 11. हुंडा, 12. नट-नट्या, 13. मन्हा मिठ्ठीमां, 14. जीवले सुख नही, 15. पोरगं कस झाय!, 16. याद, 17. शेवटन गानं, 18. बोढी गाय, 19. मी येस हायद लाई, 20. सासरे सताये सती, 21. कष्टाले लागनात फये,
22. माले फूलता ऊन नही, 23. पायटेना वारा, 24. सुऱ्या राजा, 25. झुई, 26. आवाज,
27. आडावो तुन्हीज वाट, 28. वैशाकनी गोडी, 29. कुवारा हाथ, 30. आखाजीना दिन, 31. पिरीमना चटका, 32. याद भाऊ बीजनी, 33. बोली अहिरानी, 34. पानी, 35. हुई ना रंग, 36. झडी, 37. ईच्छया, 38. आथं-तथं, 39. दिन दिन दिवाई, 40. पोया, 41. आमनी हालांत, 42. दिन-हुईना, 43. खराब जमाना, 44. कलीजुग, 45. आखोवाढाई फायदा काय?, 46. घरमा दपतस, 47. देव माले दिखना, 48. भाऊबीज, 49. दुखमां-सुक, 50. एक सालना दसरा, 51. मन्ही पैठनी जगमां गई, 52. गुरू नी मास्तर, 53. मायर-मयमा, 54. धरडपन, 55. खानदेस, 56. पोट, 57. गडेल हात, 58. धोंड्यानं लगीन, 59. सरने बयतस, 60. एक आखाजी, 61. सेवटना निरोप, 62. धल्ली, 63. हिसोब, 64. गरायेल मन, 65. कुतरा, 66. मारोती गाडी, 67. वारानी किमया, 68. कुनबी राजा, 69. सोनुना गाना, 70. अहेव मरनं, 71. जीव गदगदे, 72. मन्ह मरानं ऱ्हाईगे, 73. ‌‘हूँ’ नी किम्मत, 74. मन-म्हानं, 75. जमाना-बरबरीना, 76. फाया, 77. आमना, 78. फेरा नसीबना!, 79. देवबाले मारा हाका!, 80. एस.टी.ना संप, 81. इन्टक ना डंका, 82. लूप, 83. दुध-डेरी, 84. मन्ही हिप्पी, 85. आऱ्हाडानी मौत, 86. तिरंगी झेंडा, 87. करोना- कोविड-19, 88. उंबर, 89. सनेसन गानं, 90. आतीरेकी, 91. बायसिक्कल, 92. कारगील ये ईठ्ठलहारी, 93. जनवाड, 94. शाय, 95. पानी, 96. चलीन्तर, 97. खरं पीरीम, 98. भरती, 99. चावट टिका, 100. अहिरानी रामायन

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