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स्त्रीसाहित्य

बालिका शिक्षा में शिक्षिकाओं की भूमिका

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“बालिका शिक्षा में शिक्षिकाओं की भूमिका” मेरा लेखन की ओर पहला प्रयास है| यह औरतों के प्रति मेरी भावनाओं की अभिव्यक्ति है| बेटियाँ -यूँ तो पैदा होने पर लक्ष्मी का अवतार मानी जाती है, परंतु जैसे-जैसे ये बेटी बड़ी होती जाती है उसके समक्ष अनेक समस्याएं उत्पन्न होती है और जैसा कि कहा भी गया है कि ‌‘कत बिधि सृजीं नारी जग माही, पराधीन सपनेहू सुख नाही”| इस तरह भारत में औरतों की दयनीय स्थिती से तो हर कोई वाकिफ है, फिर भी एक महिला शिक्षिका होनेके नाते मेरा ये दायित्व है कि मैं बालिकाओं से जुड़े हर पहलू पर प्रकाश डालू|

Balika Shiksha me Shikshikaoki Bhumika

  1. पार्श्वभूमी
  2. लड़कियाँ : भूत एवं वर्तमान सोच
  3. बालिकाओं की शिक्षा का महत्व
  4. लड़कियों की समस्याएँ एवं शिक्षिकाओं द्वारा समाधान
  5. शिक्षिकाओं का उत्तरदायित्व
  6. शिक्षिकाओं द्वारा किए गये प्रयास
  7. समाज और सरकार से अपेक्षाएं

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